सोमवार, 9 जनवरी 2012

तृतीय विश्वयुद्ध की संभावनाएं : जागो दक्षेस जागो !

चीन और पाकिस्तान की संयुक्त गतिविधियाँ दुनिया को विश्वयुद्ध मेँ धकेल सकती हैँ .एक वर्ष से ज्यादा आने को आया दोनोँ देशो की गतिविधियाँ दक्षिण एशियाई क्षेत्र को संभावित युद्ध के कारण उपलब्ध करा सकती है .

प्रकृति व मानवता के संरक्षण पर ब्याख्यान पर जब मैँ तृतीय विश्वयुद्ध की संभावनाओँ को व्यक्त करता हूँ तो कुछ शिष्य कहते हैँ कि युद्ध की जरुरत भी क्या है ? मैँ कहता हूँ कि आप लोगों को आपस मेँ झगड़ने की क्या जरुरत है?


प्राणियों मेँ सर्वश्रेष्ठ यदि मानव है तो सबसे निकृष्ट भी मानव ही है . सत्तावादी होश मेँ नहीँ आ सकते तो क्या जनता के नियंत्रक व ठेकेदार भी क्या अपना होश गँवा चुके हैँ ? जनता क्या सम्भावित युद्ध के कारणोँ के खिलाफ आन्दोलन के लिए क्या अपनी कमर नहीँ कस सकती ?अन्ना हजारे जैसे समाजसेवियोँ को क्या दक्षेस की जनता को निशस्त्रीकरण व युद्ध के खिलाफ बातावरण बनाने मेँ अपना योगदान
नहीँ कर सकते ? चीन , पाक ,आदि देश की जनता का विवेक क्या शून्य हो गया है ?

जागो , दक्षेस जागो !