इस धरती पर खुशहाली व शान्ति के लिए मानवता व प्रकृति को संरक्षण हर हालत मेँ चाहिए. मानवता व प्रकृति के सामने व्यवधान हैं -मानव के कर्म व व्यवहार.कर्म व व्यवहार के लिए मानव का नजरिया महत्वपूर्ण है . मानव का नजरिया बेहतर बनाने के लिए निरन्तर स्वाध्याय, समृद्ध,चिन्तन,सत्संग, उपासना,आदि आवश्यक है.
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