विश्व की समस्याएं उस प्राणी के कारण हैं जो स्वयं को मानव तो मानता है लेकिन मानव है नहीं।
क्योंकि वह ही मानव है जो मानवता रखता है.
वेद ने मानव का उद्देश्य मानव होना रखा ,इसका मतलब ये है हम हाड़ मास से अपने को अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ मान के श्रेष्ठ नहीं हो सकते. मानवता को धारण कर श्रेष्ठ हो सकते हैं।
क्योंकि वह ही मानव है जो मानवता रखता है.
वेद ने मानव का उद्देश्य मानव होना रखा ,इसका मतलब ये है हम हाड़ मास से अपने को अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ मान के श्रेष्ठ नहीं हो सकते. मानवता को धारण कर श्रेष्ठ हो सकते हैं।
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